""नज़्म जिन की शान में लिखते हैं हम,
हैं कहाँ पढने की उनको फुरसतें..."
"...aapka tarz.e.adaa ar baan`gi ,vus`ateiN hi, vus`atein hi, vus`ateiN..."---MUFLIS---
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मेरे अश'आर कोई भी,कहीं भी गा लेगा..! 'बे-तख़ल्लुस' हूँ मुझे कोई भी अपना लेगा..!!
1 comment:
"...aapka tarz.e.adaa ar baan`gi ,
vus`ateiN hi, vus`atein hi, vus`ateiN..."
---MUFLIS---
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