बे-तख़ल्लुस

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'बेतख़ल्लुस' हूं मुझे कोई भी अपना लेगा

manu

manu

Tuesday, December 2, 2008

""नज़्म जिन की शान में लिखते हैं हम,

हैं कहाँ पढने की उनको फुरसतें..."

1 comment:

daanish said...

"...aapka tarz.e.adaa ar baan`gi ,
vus`ateiN hi, vus`atein hi, vus`ateiN..."
---MUFLIS---