बे-तख़ल्लुस

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'बेतख़ल्लुस' हूं मुझे कोई भी अपना लेगा

manu

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Friday, June 15, 2012

तुम्हें भूलने की बड़ी बीमारी है यार....जब कोई कहता है तो सोचता हूँ कि क्या भूलना भी कोई बीमारी होती है ..भूलना तो महज एक आदत होती है..वो भी बड़ी मासूम सी आदत ..किसी को कोई ज़्यादा परेशान ना करने वाली..दुःख ना देने वाली आदत...कितना ज़्यादा सुकून मिलता है इस आदत से..और लोग बाग़ हैं कि इस सुकून देने वाले इकलौते टॉनिक को ही बीमारी साबित करने पर तुले हैं ...इसके उलट kuchh याद रखना कितनी बड़ी बीमारी है..

2 comments:

Himanshu Pandey said...

विज्ञान तो कहता है...आदत नहीं ज़रूरत है भूलना। भूले नहीं तो याद ही न रहे। कोटा है भई! याद रखने का भी, भूलने का भी। बीमारी कैसी?

manu said...

नीरज गोस्वामी has left a new comment on your post "तुम्हें भूलने की बड़ी बीमारी है यार....जब कोई कहता...":

बहुत दिनों बाद नज़र आये हैं हुज़ूर...भूलने की बीमारी वजह से अपना ब्लॉग तो नहीं भूल बैठे थे?

नीरज



Posted by नीरज गोस्वामी to manu-uvaach at Sat Jun 16, 11:36:00 PM