कभी इन्कार चुटकी मे,कभी इक़रार चुटकी मे
हज़ारों रंग बदले है निगाहे-यार चुटकी में
मैं रूठा सौ दफ़ा लेकिन मना इक बार चुटकी में
ये क्या जादू किया है आपने सरकार चुटकी में
बड़े फ़रमा गए, यूँ देखिये तस्वीरे-जाना को,
ज़रा गर्दन झुकाकर कीजिये दीदार चुटकी में
कहो फिर सब्र का दामन कोई थामे भला कैसे,
अगर ख़्वाबों में हो जाए विसाले-यार चुटकी में
ग़ज़ल का रंग फीका हो चला है धुन बदल अपनी
तराने छेड़ ख़ुशबू के, भुलाकर ख़ार चुटकी में
न होना हो तो ये ता-उम्र भी होता नहीं यारो
मगर होना हो तो होता है ऐसे प्यार चुटकी में
वजूद अपना बहुत बिखरा हुआ था अब तलक लेकिन
वो आकर दे गया मुझको नया आकार चुटकी में
जो मेरे ज़हन में रहता था गुमगश्ता किताबों-सा
मुझे पढ़कर हुआ वो सुबह का अखबार चुटकी
कभी बरसों बरस दो काफ़िये तक जुड़ नहीं पाते
कभी होने को होते हैं कई अश'आर चुटकी में
हज़ारों रंग बदले है निगाहे-यार चुटकी में
मैं रूठा सौ दफ़ा लेकिन मना इक बार चुटकी में
ये क्या जादू किया है आपने सरकार चुटकी में
बड़े फ़रमा गए, यूँ देखिये तस्वीरे-जाना को,
ज़रा गर्दन झुकाकर कीजिये दीदार चुटकी में
कहो फिर सब्र का दामन कोई थामे भला कैसे,
अगर ख़्वाबों में हो जाए विसाले-यार चुटकी में
ग़ज़ल का रंग फीका हो चला है धुन बदल अपनी
तराने छेड़ ख़ुशबू के, भुलाकर ख़ार चुटकी में
न होना हो तो ये ता-उम्र भी होता नहीं यारो
मगर होना हो तो होता है ऐसे प्यार चुटकी में
वजूद अपना बहुत बिखरा हुआ था अब तलक लेकिन
वो आकर दे गया मुझको नया आकार चुटकी में
जो मेरे ज़हन में रहता था गुमगश्ता किताबों-सा
मुझे पढ़कर हुआ वो सुबह का अखबार चुटकी
कभी बरसों बरस दो काफ़िये तक जुड़ नहीं पाते
कभी होने को होते हैं कई अश'आर चुटकी में
18 comments:
कभी बरसों बरस दो काफ़िये तक जुड़ नहीं पाते
कभी होने को होते हैं कई अश'आर चुटकी में
वाह! वाह!वाह!
बहुत खूब!
सारे शेर ही दाद के काबिल हैं.
रफ्त: रफ्त: वो मेरे हस्ती के सामां हो गए ..
पहले जां फिर जाने जां फिर जाने जानां हो गए...
आपके शे'र के क्या कहने..
कभी इकरार चुटकी में कभी इनकार चुटकी में ...
हमारे प्यार पे लटकी है ये तलवार चुटकी में ...
आदाब
अर्श
manu ji
padhkar aanad aa gaya . aapki lekhni ko salaam hai bhai ..
bahut dil se badhai ..
aapka
vijay
is baar bahut jaldi post kar di bhai manuji...
maza aa gaya..mujhe to lagta he aap jaldi jaldi post karte rahe aour me padhtaa rahu..
कभी इकरार चुटकी में कभी इनकार चुटकी में ...
हमारे प्यार पे लटकी है ये तलवार चुटकी में ...
chutki me jo baat hoti he vo sadhi aour ekdam nishane par hoti he..
chutki me hamari badhai bhi swikaar kare.
DARSHAN SE बरसों बरस दो काफ़िये तक जुड़ नहीं पाते
MANU SE होते हैं कई अश'आर चुटकी में
मनु जी
बहुत हे उम्दा ग़ज़ल..
हर शेर लाजवाब
वजूद अपना बहुत बिखरा हुआ था अब तलक लेकिन
वो आकर दे गया मुझको नया आकार चुटकी में
meaningfull lines
ये गज़ल कुछ इस तरह से जुड़ गयी है मुझसे कि शायद ही कभी भूल पाऊँ
वो बस-यात्रा मेरी और आपका एसएमएस....
और फिर वो अविस्मरणीय मुलाकात
मनु जी जरा संभल कर रहिएगा
कोई सुल्ताना चुरा न ले जाये
ये सुन्दर अस'आर चुटकी में .....!!
कभी इंकार चुटकी में कभी इकरार चुटकी में
हजारों रंग बदले है ये सुल्ताना बेगम चुटकी में .....???
ग़ज़ल की दाद देने फिर आउंगी......!!
हालांकि पहले भी इस ग़ज़ल के बेहतर असर से
गुज़र चुका हूँ ...
लेकिन इस बार और भी ज़्यादालुत्फ़ आया ...
एक-एक शेर खुद अपनी कहानी खुद
ब्यान कर रहा है ....
वो "वुजूद" और "आकार" वाला
शेर तो बिलकुल मस्त कर देने वाला है ......
श्री सतपाल ख्याल जी की अदबी महफिल मेंआपकी
इस ग़ज़ल को ख़ास मक़ाम मिला इसके लिए आप
मुबारकबाद के मुस्तहक़ हैं .........
"असर-अंदाज़,दिलकश,खुशनुमा अश`आर हैं सारे ,
ग़ज़ल पढ़ते ही हर दिल हो गया सरशार चुटकी में"
---मुफलिस---
chutkiyon me kitna kuch kah diya.....waah
मुझे आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा ! आप बहुत ही सुन्दर लिखते है ! मेरे ब्लोग मे आपका स्वागत है !
मनु जी बहुत ही बेहतरीन शायरी है आपकी लेकिन मेरी बदकिस्मती कहिए कि इतने दिन तक मैं अन्जान कैसे रहा इस खजाने से सच मे
पूरी गजल बेहतरीन है लेकिन एक शेर जो मुझे खास पसंद आया बेहतरीन
मैं रूठा सौ दफ़ा लेकिन मना इक बार चुटकी में
ये क्या जादू किया है आपने सरकार चुटकी में
कभी बरसों बरस दो काफ़िये तक जुड़ नहीं पाते
कभी होने को होते हैं कई अश'आर चुटकी में
बहुत खूब! बहुत ही सुन्दर रचना!आपका ब्लाग
बहुत अच्छा लगा।
मैं अपने तीनों ब्लाग पर हर रविवार को
ग़ज़ल,गीत डालता हूँ,जरूर देखें।मुझे पूरा यकीन
है कि आप को ये पसंद आयेंगे।
वादा किया था दाद देने फिर आयेंगे ..... तब दिमाग भी काफी उलझा हुआ था .....है तो अभी भी ....मेरी वजह से प्रकाश जी ने ब्लॉग छोड़ने का मन जो बना लिया है......हमारे इतना मनाने पर भी वे अपनी जिद पर अड़े हैं ....मुझे दुःख होगा उनके जाने का......!!
और बार इस तो आपने कमाल किया है चुटकी में.....!!
न होना हो तो ये ता-उम्र भी होता नहीं यारो
मगर होना हो तो होता है ऐसे प्यार चुटकी में
कैसे..कैसे...??
वजूद अपना बहुत बिखरा हुआ था अब तलक लेकिन
वो आकर दे गया मुझको नया आकार चुटकी में
वाह..! वाह....बहुत सुन्दर .....!!
कभी बरसों बरस दो काफ़िये तक जुड़ नहीं पाते
कभी होने को होते हैं कई अश'आर चुटकी में
क्या बात है मनु जी .... आप यूँ ही अश'आर जोड़ते रहें और हम यूँ ही पढ़ते रहें....!!
लाजवाब रचना.
रामराम.
न होना हो तो ये ता-उम्र भी होता नहीं यारो
मगर होना हो तो होता है ऐसे प्यार चुटकी में
hnm....
आपकी एक और जबरदस्त ग़ज़ल पढ़ ली
और लीजिये टिपण्णी भी दी मार चुटकी में
'अदा'
मैं रूठा सौ दफ़ा लेकिन मना इक बार चुटकी में'
जानते हो मैं अक्सर कहती हूँ हमारे शब्द हमारे व्यक्तित्व का आइना होता है. आईना भी नही एक्स-रे मशीन होते हैं.उन्हें पढ़ कर कोई भी हमें भीतर तक पढ़ सकता है.है न ?
उन लोगों को छोड़ो जो मात्र कविता के नाम पर शब्दों से खेलते हैं किन्तु ईमानदारी से लिखा हर शब्द हमारे बारे में सब कुछ बता देता है.
तुम्हारी 'ये'पंक्तियाँ ?
हा हा हा
एक नन्हा सा,मासूम सा बच्चा अब भी तुममें जिन्दा है और तुमने उसे बड़ा नही होने दिया,मत होने देना कभी भी.
सौ बार रूठे हमारा महबूब भले हमसे ,पर सब चाहते हैं वो मान जाये एक चुटकी में
जिंदगी खूबसूरत हो जाती है .
वजूद अपना बहुत बिखरा हुआ था अब तलक लेकिन ,वो आकर दे गया मुझको नया आकार चुटकी में'
हर कोई चाहता है न ये ?
बहुत खुश नसीब होते हैं वे लोग जिन्हें ऐसे दोस्त,अपने,या जीवनसाथी मिले जो समेट ले बिखरे वजूद को चुटकी में यहाँ तों उम्र गुजर जाती है लोगों की और बिखर जाते है चुटकी में.
वैसे मैं बहुत ही खुशनसीब हूँ इस मामले में .
बधाई और ढेर सारा प्यार इतना प्यारा लिखने के लिए
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